HMPV वायरस क्या है, कैसे फैलता है और इससे कैसे बचें ? क्या फिरसे होगा कोरोना जैसा हाल ?

HMPV वायरस नया नहीं है, इससे घबराने की जरूरत नहीं है

कम उम्र के बच्चे या फिर बड़ी उम्र के वृद्ध लोग, दोनों ही तबके जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा नहीं होती उन्हें यह वायरस अपना शिकार बनाता है.

इन दिनों एचएमपीवी वायरस की चर्चाएं हर जगह पर है. लोगों को लग रहा है कि एक बार फिर एक खतरनाक वायरस कोरोना की तरह उनकी जिंदगी को हिला कर रख देगा, लेकिन ऐसा नहीं है आईए जानते हैं एचएमपीवी वायरस का भूगोल, वर्तमान और भविष्य क्या है ?

भारत के हाल ही में पहले बेंगलुरु में एचएमपीवी वायरस के दो मामले सामने आए। मरीजों में शामिल आठ महीने का एक बच्चा अस्पताल में ठीक हो रहा है और तीन महीने का एक बच्चा जिसे अस्पताल से ठीक हो जाने के कारण छुट्टी दे दी गई है. गुजरात के अहमदाबाद में भी इसका एक केस सामने आया है.

क्या है एचएमपीवी वायरस
दरअसल एचएमपीवी वायरस एक आम श्वसन वायरस है, जो निचले और ऊपरी श्वसन संक्रमण (जैसे सर्दी) का कारण बनता है। यह एक मौसमी बीमारी है, जो आमतौर पर सर्दियों और शुरुआती वसंत में होती है, जो रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस है और सामान्य फ्लू के समान है.

नया वायरस नहीं है
एचएमपीवी वायरस कोई नया वायरस नहीं है। इसकी खोज नीदरलैंड में 2001 में हो चुकी है और इसका अटैक हमारे श्वसन तंत्र पर होता है. इसके अटैक से आमतौर पर सामान्य सर्दी, बुखार और बदन दर्द जैसे लक्षण पैदा होते है. कुछ एक बच्चों के अंदर खास करके जो एक साल से कम उम्र के बच्चे हैं, या फिर जिनका पहले से ही हृदय रोग या किडनी रोग जैसी कोई बीमारी है या कोई जेनेटिक बीमारी है, या फिर किसी भी कारण से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है तो ऐसे बच्चों के अंदर ब्रोंक्योंलाइटिस या निमोनिया जैसी बीमारियां भी हो सकती है, जिसे उनको सांस लेने में दिक्कत है परेशानी हो सकती है.

ऐसा क्या हुआ कि यह अब सुर्खियों में आया
वैसे तो यह वायरस लगभग 24 साल पुराना है लेकिन ज्यादातर लोग यही सोच रहे हैं कि अब जाकर ऐसा क्या हुआ कि यह सुर्खियों में आ गया. दरअसल चीन में इन दिनों इस एचएमपीवी वायरस के मरीज छोटे बच्चों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है, जिस कारण से वहां के मेडिकल तंत्र ने विश्व प्लेटफॉर्म पर इसको सूचित किया, बस इसी खबर ने विश्वभर में सनसनी फैला दी और यह वायरस सुर्खियों में आ गया.

इसके मरीजों की पहचान कैसे हो
मरीज एचएमपीवी वायरस से पीड़ित है या नहीं इसका पता लगाने के लिए कोरोना की तरह ही इसके लिए भी एनटीपीसीआर किया जाता है. इसकी रिपोर्ट आने से पता चल जाता है कि मरीज इससे संक्रमित है या नहीं. एनटीपीसीआर जीजी हॉस्पिटल में उपलब्ध है. लेकिन सामान्य लक्षणों में यह एनटीपीसीआर नहीं किया जाता है.

कोरोना से काफी कुछ मिलता जुलता है
हाँ, कोरोनावायरस रोग या एक संक्रामक रोग था, जो SARS-CoV-2 वायरस के कारण होता है। एचएमपीवी वायरस और SARS-CoV-2 वायरस कुछ मायनों में एक जैसे हैं जैसे दोनों वायरस सभी उम्र के लोगों में श्वसन संबंधी बीमारी का कारण बनते हैं। दोनों के लक्षण भी समान हैं। एचएमपीवी वायरस से जुड़े आम लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बंद होना और सांस लेने में तकलीफ शामिल हैं। ये लक्षण कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों में भी दिखते हैं। दोनों वायरस संक्रमित व्यक्ति से खांसने और छींकने से निकलने वाले स्राव और नज़दीकी व्यक्तिगत संपर्क के ज़रिए दूसरों में फैलते हैं। वे उन वस्तुओं या सतहों को छूने से भी फैलते हैं, जिन पर वायरस होते हैं और फिर मुंह, नाक या आंखों को छूने से भी फैलते हैं।

कोरोना की तरह इसका कोई टीका नहीं है
वर्तमान में एचएमपीवी वायरस का कोई टीका नहीं है और एंटीवायरल उपचार की सिफारिश भी नहीं की जाती है। लेकिन मरीज़ को इसके चरणों के अनुसार दवाई देकर एचएमपीवी वायरस और अन्य श्वसन वायरस के प्रसार को रोकने में मदद कर सकते हैं. सर्दी और बुखार के लिए निर्धारित सामान्य दवाएं लेनी होती है. एचएमपीवी वायरस की वैक्सीन का फेस 1 ट्रायल लगभग कंप्लीट हो चुका है, निकट भविष्य में इसकी वैक्सीन हमारे हाथ में होगी.

क्या-क्या सावधानियां रखें
-साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोएँ.
-बिना धुले हाथों से आँख, नाक या मुँह को छूने से बचें.
-बीमार लोगों के साथ निकट संपर्क से बचें.
-जिन रोगियों में सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण हैं, उन्हें खाँसते और छींकते समय अपना मुँह और नाक ढकना चाहिए.
-कप और खाने के बर्तन दूसरों के साथ साझा करने से बचें.

  • मास्क लगाए
  • हाथ सेनीटाइज करें शेयर मार्केट को कर दिया था क्रैश
    एचएमपीवी वायरस की खबर सुर्खियां बनते ही इसने कल भारतीय शेयर बाजार को उल्टे मुह गिरा दिया था. कल सेंसेक्स 1.59 पर्सेन्ट गिरकर या फिर यूं कहें की 1258.19 पॉइंट गिरकर बंद हुआ था. वहीं निफ़्टी 1.62 पर्सेन्ट गिरकर या फिर यूं कहें की 388.70 पॉइंट गिरकर बंद हुआ था. इसी के साथ एचएमपीवी वायरस की सुर्ख़ियों ने शेयर मार्केट में इन्वेस्टर्स के कल करीब 9.5 लाख करोड रुपए डुबो दिए थे.

एचएमपीवी के कारण वृद्ध लोगों, बहुत छोटे बच्चों और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों में ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. ज़्यादातर बच्चे 5 साल की उम्र तक एचएमपीवी वायरस से संक्रमित होते हैं। यह एक वार्षिक मौसमी पैटर्न का अनुसरण करता है और आम तौर पर सर्दियों या शुरुआती वसंत में चरम पर होता है। इस वायरस से ना तो डरे, न घबराए और ना ही इसके लिए कोई अफवाह फैलाए.

कोरोना जैसा खतरनाक नहीं है

HMPV वायरस से डरने की जरूरत नहीं है. यह कोरोना जैसा खतरनाक भी नहीं है, लेकिन हां इससे हमें सावधानी रखनी चाहिए.

इससे अफेक्टेड मरीज को आइसोलेशन करने के लिए अभी गाइडलाइंस आना बाकी है. तंत्र अभी इस पर चिंतन मनन कर रहा है. कल जीजी हॉस्पिटल में हुई मीटिंग में इस पर कोई चर्चा नहीं हुई.

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